की थी कल्पना जिस दिन की मैंने, आज वो मेरे सामने है। थोड़ा धुंधला ही सही, पर आज कामयाबी मेरे हाथ में है। हित मे है सब, अब घर मे हैं सब, सामने ही नहीं, पर अब सबके दिल मे हैं सब। ख़ुशी है अब, जब मिल गए हम सब, दुःख है की कभी […]
Category: Poem
साथ है देना…
समय हुआ है आज भारी, बढ़ गयी है जिम्मेदारी, तुम – हम, हम – तुम मिल जाये तो, साथ सभी का मिल जाये तो, लड़ जायेंगे बिन हथियार, कर जायेंगे मुश्किल को पार || हार नहीं मानेंगे हम, न मिलेंगे – न जुलेंगे, घर पर रह कर अपने हम, साथ सभी का देंगे हम, आन […]
वो औरत है…..
वो औरत है….. एक औरत जिंदगी का हर किरदार, बखूबी निभाती है| हर काम में वो अपनी, दिलोजान लगाती है| ना गिला – ना शिकवा, अपनी जुबां पर लाती है| हर रिश्ते को प्यार से, सींचती चली जाती है| जब कभी आदमी की बारी साथ निभाने की आती है| न जाने उसे, थकान क्यों हो जाती […]
Log Sochte Hain Main Bhoot Khus Hu
Log sochte hai main bahut khush hu per ab unhe Kaun bataye main apni hi jindgi main kuch Aise ulajh si gayi hun!! Jismein Raste to bahut hai per manjil nahin jismein Dikhta to Sab kuchh hai par hota nahin jismein log to bahut hai per Koi Sath Nahin aur log sochte hain main bahut […]
पिता
पिता शब्द का अर्थ ना पूछो, मैं बता ना पाऊंगा | इतना विस्तृत अर्थ है इसका, मैं समझा ना पाऊंगा || जीवन का आधार इन्ही से, जीवन का विस्तार इन्ही से | हर सुकून, हर चैन इन्ही से हर उम्मीद इन्ही से है || पर्वत जैसी शान है ऊँची आसमान सा विस्तृत मन | हर […]
लाडो
ओ मेरी लाडो रानी तुमसे क्या छुपा है, मेरा तो सारा जीवन सबके साथ चला है। सब के सुख में सुखी हूँ मैं , सबके दुःख से दुखी हूँ मैं, तुम सबसे तो मेरे जीवन का आधार जुड़ा है।। तुमको उड़ता देख के, पर लग जाते मेरे, जब तुम छूती आसमान को कदम नाचते मेरे। […]
माँ…
माँ, तुमने था सपना देखा, पर अधूरा छोड़ दिया, जीवन के हर मोड़ पर तुमने, खुद को कही पर छोड़ दिया । सब को खुश करने को तुमने, अपना अस्तित्व ही तोड़ दिया, चलो चले उन सपनो में, जिनको तुमने छोड़ दिया । जब से समझा मैंने तुमको, बस यही देखा है, सबके सुख में […]
मेरा साकी मेरी हाला – भाग 6
39 मेरी इस उन्मत्त दशा में, कही ना दिखता उजियाला। ज्योति बेच कर क्रय कर डाला, दुखदायी यह अंधियाला । पड़ा हुआ है इधर सिसकता, उधर बिलखती मधुबाला । अरे कौन यह मुझे प्यार से, सम्बोधित करने वाला । 40 कर आधीन इन्द्रियां अपनी, जग सेवा करने वाला । अस्त्र शस्त्र का भय न मानता, […]
मेरा साकी मेरी हाला – भाग 5
33 मैं लालिमा कपोलों की हूँ, हूँ मैं नयनो की हाला | अधरों की मधुमयता हूँ मैं, केश श्याम हूँ घुंघराला | मुखमण्डल का रूप मनोरम, मेरी छवि लेकर ढाला, मौन, विकल, विरहिन बन रोती, वह मैं ही साकी बाला | 34 मैं हूँ प्रेम, प्रेमिका भी मैं, मैं ही पिया परदे वाला | मैं […]
मेरा साकी मेरी हाला – भाग 4
26 इस जीवन की सच्चाई को, सब विधि समझा देखा भाला | करो स्वंय की खोज निरंतर, मत बैठो जग में ठाला | आंख मिचौनी खेल रहा है, वह बाहर भीतर वाला | बाधा, विघ्न लुप्त होते है, जब हो गुरु अंकुश वाला | 27 मैं हूँ रंग सुरभि सुमनो का, उपवन है ही हरियाला […]
कुछ ऐसा कहो कि…
कुछ ऐसा कहो कि… कुछ ऐसा कहो कि मुस्कुराने की वजह बन जाए, कुछ ऐसा करो कि गम भुलाने की वजह बन जाए | — राह मुश्किल है मंज़िल भी बड़ी दूर है, दो कदम साथ दो कि पहुँच जाने की वजह बन जाए | — हूँ मझदार में तूफानों ने आ घेरा है, साहिल ऐसे […]
मेरा साकी मेरी हाला – भाग 3
19 मानवता की कला सृष्टि ने, जड़ को देव बना डाला | स्थूल साध्य के बिना किसी को, मिली कहाँ कब मधुशाला | लोह श्रृंखला बाँध सकी क्या, सूक्ष्म और निर्गुण वाला | एक से होता है अनेक ज्यूँ, सूरा सुराही औ प्याला | 20 जाता है जब फूट कलेजे का, कोई पक कर छाला […]
मेरा साकी मेरी हाला – भाग 2
10 क्या क्या जड़ी बूटियाँ चुन चुन, किस विधि से खींची हाला। कोटि अरुण सा दमक रहा है, मेरी मदिरा का प्याला। होठो से लगते ही इसने, कैसा रंग बदल डाला। मैं चला थाम मैं चला थाम, थाम थाम साकी बाला। 11 टूटे जब नियम विधानों के, दुनियाँ ने शोर मचा डाला। चीख उठा हर […]
मेरा साकी मेरी हाला – भाग 1
मेरा साकी मेरा हाला 1 ग्राम नगर का कहो न मुझको, मैं जग का रहने वाला। भिन्न भिन्न मेरे वेशो ने, जन जन को भ्रम में डाला। नूतन यात्रा मित्र पुराने, सृष्टि नियम मैने पाला। निद्रा जागृति जागृति निद्रा, बनी रही मेरी माला। 2 मेरा मैं मेरी मधुशाला, मेरा साकी मेरी हाला। जिस हाला का मेरा […]